इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद कप्तानी छोड़ दी है। इस आईसीसी टूर्नामेंट में इंग्लैंड की हालत बेहद खराब रही थी और वो ग्रूप बी सबसे नीचे चौथे स्थान पर हैं। विकेटकीपर बल्लेबाज ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपने आखिरी लीग मैच से पहले शुक्रवार को ये घोषणा की।
बटलर ने साफ तौर पर कहा कि वो इंग्लैंड के लिए केवल एक विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर खेलना चाहते हैं और वो कप्तानी का भार लेकर अपने प्रदर्शन को कम नहीं करना चाहते।
बटलर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं इंग्लैंड के कप्तान पद से हटने जा रहा हूं। यह मेरे लिए और टीम के लिए सही फैसला है। उम्मीद है कि कोई और खिलाड़ी आकर बाज़ (ब्रेंडन मैकुलम) के साथ मिलकर टीम को वहां ले जाएगा, जहां उसे होना चाहिए।”
आगे बात करते हुए इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, “इस समय मेरे मन में दुख और निराशा की भावना है। लेकिन मुझे यकीन है कि समय के साथ ये भावनाएँ दूर हो जाएँगी और मैं फिर से क्रिकेट का आनंद ले सकूंगा। साथ ही, मैं इस बात को भी महसूस कर पाऊंगा कि अपने देश की कप्तानी करना कितना बड़ा सम्मान है और इसके साथ कितनी खास यादें जुड़ी हुई हैं।”
बुधवार को अफगानिस्तान से हारने के बाद बटलर ने कहा कि वह अपने भविष्य को लेकर टीम मैनेजमेंट और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) से बात करने के लिए तैयार हैं।
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर की कप्तानी में टीम का प्रदर्शन वनडे और टी20 में अच्छा नहीं रहा। उन्होंने जून 2022 में वनडे टीम की कप्तानी संभाली, लेकिन टीम को ज्यादा सफलता नहीं मिली। बटलर की अगुवाई में इंग्लैंड ने 36 वनडे मैच खेले, जिनमें से 22 में हार और सिर्फ 13 में जीत मिली।
वनडे वर्ल्ड कप 2023 में इंग्लैंड का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में खेलने के बावजूद, टीम 10 टीमों की अंक तालिका में 7वें स्थान पर रही। इंग्लैंड ने 9 में से सिर्फ 3 मैच जीते और जल्दी टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
टी20 में भी बटलर की कप्तानी में टीम का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा। उन्होंने 46 टी20 मैचों में कप्तानी की, जिसमें 23 में हार और 20 में जीत मिली।
जब जोस बटलर और कोच ब्रेंडन मैकुलम ने इंग्लैंड की वनडे और टी20 टीम की कमान संभाली, तो उम्मीद थी कि वे 2019 वर्ल्ड कप की सफलता दोहराएंगे, जब इंग्लैंड ने इयोन मोर्गन की कप्तानी में खिताब जीता था। लेकिन कप्तान और कोच की जोड़ी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।