शनिवार को चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच हुए रोमांचक मुकाबले में RCB ने 2 रनों से जीत दर्ज की। 214 रनों का पीछा कर रही CSK की जीत लगभग सुनिश्चित लग रही थी, जब रवींद्र जडेजा (77*) और आयुष म्हात्रे 94 रन बनाकर क्रीज पर डटे थे, इस दौरान टीम की जीत की संभावना 75% तक पहुंच चुकी थी। लेकिन म्हात्रे के आउट होते ही मैच का रुख बदल गया।

डेवाल्ड ब्रेविस के आउट होने के बाद कप्तान एमएस धोनी क्रीज पर आए, लेकिन अंतिम क्षणों में टीम को जीत नहीं दिला सके। अंतिम तीन गेंदों में चेन्नई को 6 रनों की जरूरत थी, लेकिन यश दयाल ने शानदार यॉर्कर गेंदबाजी कर CSK की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

माही ने ली हार की जिम्मेदारी

मैच के बाद कप्तान एमएस धोनी ने ईमानदारी से हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि मुझे कुछ और बड़े शॉट्स खेलने चाहिए थे और दबाव कम करना चाहिए था। इसलिए मैं इस हार का दोष लेता हूँ।” धोनी ने यह भी स्वीकार किया कि टीम के अधिकतर बल्लेबाज पैडल शॉट खेलने में सहज नहीं हैं, जबकि आधुनिक क्रिकेट में यह एक आवश्यक कौशल बन चुका है।

धोनी ने कहा, “बल्लेबाजी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हम पीछे रह गए। हमारे बल्लेबाजों को पैडल शॉट का अभ्यास करने की जरूरत है। जडेजा जरूर यह शॉट खेलते हैं, लेकिन वह भी अपने शॉट्स बहुत पीछे से खेल रहे थे।”

शेफर्ड की गेंदबाजी को सराहा

गेंदबाजी पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि डेथ ओवर्स में शेफर्ड की गेंदबाजी प्रभावशाली रही। धोनी ने कहा कि “जब बल्लेबाज सेट हो जाते हैं तो यॉर्कर सबसे प्रभावी हथियार होता है। अगर यॉर्कर चूक जाए तो लो फुल टॉस एक बेहतर विकल्प है।”

उन्होंने यह भी बताया कि पथिराना जैसा गेंदबाज, जिसकी गति और बाउंसर ताकत है, अगर यॉर्कर में गलती करता है तो बल्लेबाज के पास स्कोर करने का मौका होता है। बता दें कि धोनी टीम सीएसके पहले ही इस सीजन प्लेऑफ की रेस से बाहर हो चुकी है। ऐसा लगातार दूसरे सीजन हुआ है, जब वह टॉप-4 में जगह बनाने में नाकामयाब रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *