दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज़ कगिसो रबाडा इन दिनों क्रिकेट से ज्यादा अपने एक विवाद को लेकर सुर्खियों में हैं। IPL 2025 में गुजरात टाइटंस के लिए खेलते हुए रबाडा ने अचानक टूर्नामेंट से दूरी बना ली थी। अब सामने आया है कि वह प्रतिबंधित ड्रग्स के सेवन के कारण डोप टेस्ट में फेल हो गए थे, जिसके चलते उन पर अस्थायी रूप से बैन लगा दिया गया है।
रबाडा ने इस मामले में खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने “मनोरंजन के उद्देश्य” से एक प्रतिबंधित दवा का सेवन किया, जिसका खुलासा SA20 लीग के दौरान जनवरी में हुए डोप टेस्ट में हुआ था। IPL में उन्होंने गुजरात टाइटंस के लिए सिर्फ 2 ही मुकाबले खेले, जिसके बाद निजी कारणों का हवाला देते हुए टूर्नामेंट से हट गए।
टिम पेन का फूटा गुस्सा
इस मामले में अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान टिम पेन का भी बयान सामने आया है। उन्होंने इसे निजी मामला बताकर छिपाने की कोशिशों पर सवाल उठाए हैं। ऑस्ट्रेलियाई रेडियो चैनल ‘सेन रेडियो’ से बातचीत में पेन ने कहा, “यह अजीब है और मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं है। अगर किसी प्रोफेशनल खिलाड़ी ने टूर्नामेंट के दौरान प्रतिबंधित पदार्थ लिया है, तो इसे निजी मामला नहीं कहा जा सकता। यह सीधे तौर पर अनुबंध का उल्लंघन है। ऐसे मामलों में पारदर्शिता होनी चाहिए।”
पेन ने यह भी कहा कि रबाडा को चुपचाप IPL से बाहर कर दिया गया और फिर सब कुछ ढकने की कोशिश की गई। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सिर्फ एक महीने की सजा थी, जिसके बाद रबाडा को फिर से टीम में ले लिया जाएगा?
क्रिकेट की छवि पर सवाल
टिम पेन का मानना है कि यह मामला ना सिर्फ रबाडा की व्यक्तिगत साख को प्रभावित करता है, बल्कि इससे क्रिकेट की पारदर्शिता और डोपिंग नियमों को लेकर भी सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट बोर्ड और लीग्स की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों में सटीक और समय पर जानकारी सार्वजनिक करें, ताकि खेल की विश्वसनीयता बनी रहे।
बता दें कि रबाडा के न होने के बावजूद भी GT की टीम ने इस सीजन शानदार प्रदर्शन किया है। गुजरात की टीम 14 अंकों के साथ चौथे पायदान पर है। वह प्लेआफ की रेस में शामिल है।